Wednesday, September 10, 2014


सवेरे सवेरे यारों से मिलने 
बन ठन के निकले हम 
घर से दूर चले हम 
रोके से ना रुके हम 
मर्जी से चले हम 
बदल सा गरजे हम 
बारिश सा बरसे हम 
सूरज सा चमके हम 
स्कूल चले हम 
स्कूल चले हम 
स्कूल चले हम  






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